पूर्वांचल
राज्य क्यों चाहिए ?
मेरे
प्यारे दोस्तों / बुजुर्गों / युवा साथियों , कुछ लोग अलग पूर्वांचल राज्य की मांग
को सही मानते हैं लेकिन कुछ लोग इसका विरोध करते आ रहे हैं l पूर्वांचल राज्य
मोर्चा इसके पक्ष में क्यों है इसके कई कारण हैं , लेकिन कुछ कारण हैं जिन्हें हम
आपके सामने रख रहे हैं ll
जैसा
की आप लोग जानते हैं की पूर्वांचल राज्य की मांग काफी समय से चल रही है , लेकिन जब
हम इस प्रकार की विचारधारा को आगे बढाने के बारे में बात करते हैं तो पता लगता है
की आम जनता से लेकर पूर्वांचल के प्रतिनिधित्व करने वाले नेता लोग भी इसके सन्दर्भ
में कुछ ज्यादा उत्साहित नजर नहीं आते हैं l
उत्तर
प्रदेश भारत के सबसे बड़े राज्यों में से है जहाँ आसानी से दो या तीन छोटे राज्यों
की कल्पना की जा सकती है l
लेकिन
सवाल यह उठता है की अलग पूर्वांचल प्रदेश क्यों ? तब जवाब होता है विकास, सुशासन
और अच्छी से अच्छी व्यवस्था को जनता के बीच ले जाना और उन्हें लागू करना l और सबसे
बड़ी बात अपने प्रदेश की इकॉनमी को खुद दुरुस्त करने के लिए रोजगार के नए अवसर
उपलब्ध करना ll
आप
को अच्छी तरह पता है की पूर्वांचल से ही पुरे देश और देश के बहार भी नौकरी पेशा
वर्ग जाता है l ये आपको हर जगह मिल जायेंगे शहरों में, अत्याधुनिक शहरों में, छोटे
तथा अल्पविकसित शहरों में भी ll
बनारस
और इलाहबाद के शिक्षा संसथान पूरे विश्व में प्रसिद्ध हैं , तब सवाल यह उठता है की
पूर्वांचल के लोग इतने शिक्षित हैं फिर भी ये क्षेत्र इतना पिछड़ा क्यों है ? और
यहाँ के लोग अलग राज्य की मांग क्यों नहीं करते ?
रोजगार / संस्कृति और विकास के मुद्दे पर : कृपया ध्यान दें , पूर्वांचल में पैसा कमाने का
मुख्या पेशा राजनीती है l यहाँ रोजगार का कोई अवसर नहीं है l अपने खुद का का काम
करने का कोई अवसर नहीं है l यहाँ के लोग सिर्फ और सिर्फ ठेकेदारी प्रथा द्वारा
जीविका अर्जित करने में लगे रहते हैं l अगर गलती से कोई ठेका आया तो हजारों की
संख्या में लोग आवेदन करते हैं , जिससे यहाँ गैंगवार की स्थिति उत्पन्न हो जाती है
l जिसके वजह से पूर्वांचल बदनाम हो चूका है ll
अब
मै उत्तर प्रदेश में हुए विकास की बात करता हूँ l तब सवाल यह उठता है की कितनी
फैक्ट्रीज या इंडस्ट्रीज यहाँ उपलब्ध हैं या यहाँ इन्वेस्ट करने में अपनी रूचि
दिखाते हैं l सिर्फ नॉएडा और गाजियाबाद को छोड़ दिया जाय तो कहीं भी रोजगार के अवसर नहीं है l नॉएडा और गाजियाबाद भी इसलिए विकसित हुए हैं
क्योंकि ये एनसीआर के अन्दर आते हैं ll
सरकार
की गैर जिम्मेदाराना रवैये की वजह से सुगर मिल्स बंद होने के कगार पर आ गयी है ,
कानपूर का चमडा उद्योग भी बंद है है समझो ll
अब
हम पूर्वांचल की बात करते हैं l यहाँ कोई भी उद्द्योग धंधा नहीं होने की वजह से यहाँ
के लोग किस प्रकार से अपने खाने पिने का जुगत करते होंगे ये सोच के ही मन घबरा
जाता है l आज अपने आप को जीवित रखने के लिए हमें संघर्ष करना पड रहा है तो हम किस
आधार पर अपने बच्चे पैदा कर रहे हैं l उनका भविष्य क्या होगा ?
आज
बहार के प्रदेशों में आपको रोजगार मिलना बंद हो जाए तो आप और आपके बच्चे और परिवार
कहाँ जायेंगे क्या खायेंगे और कैसे जीवन यापन करेंगे ??
यही
डर पूर्वांचल के लोगों को दुसरे प्रदेशों की तरफ पलायन करने को मजबूर कर रहे हैं
और लोग अब दुसरे राज्यों में जाकर बसना भी शुरू कर चुके हैं l जिससे पूर्वांचल की
संस्कृति भी ख़तम हो रही है ll
जरा
सोचिये की अलग पूर्वांचल प्रदेश में रोजगार आएगा यहाँ पूर्वांचल के लोग काम करेंगे
जो की बहार जाकर ऊँचे दरों पर काम करते हैं l चूँकि घर में रोजगार होगा तो सस्ते
दरों पर काम करेंगे ,जिसकी वजह से सामान की कीमतें भी कम होंगी तो उत्पादक का भी
फायदा होगा जिसकी देखा देखि और औद्योगिक इकाईयां भी आएँगी l आपके पास भी पैसा
होगा, आपकी भी जरूरतों को पूरा करने का l आपके बच्चे भी कम उम्र में नौकरी कर के
अपने परिवार की जिम्मेदारी उठाने के बजाय अपने सपनों की उड़न पूरी कर सकेंगे l कोई खिलाडी,
कोई सिनेमा का स्टार , कोई पायलट , कोई इंजिनियर, वो सारे सपने पूरे होंगे जिन
सपनों को आपने मन में ही दबा लिया हो l जरा कल्पना करके देखिये ll
पूर्वांचल
के लोगों से प्रार्थना है की आपके शहर गांव से जब भी किसी नेता का रथ गुजरे तो
उनसे एक ही प्रार्थना करें की हमारे यहाँ रोजगार की व्यवस्था करो l अगर नहीं कर
सकते तो कृपया यहाँ दुबारा न आयें ll
700-800
करोर रुपये पार्को और उद्यानों पर खर्च करने ,बेरोजगारी भत्ता बांटने के बजाय ,
नेताजी लोग अगर पूर्वांचल में रोजगार की व्यवस्था करें तो काफी अच्छा हो ll
Industrialisation
/ औद्योगिकीकरण
ज्यादा
से ज्यादा रोजगार (अपने ही क्षेत्र में)
उद्द्योग
धंधों के अनूकुल माहौल देने की वजह से परिवहन / बिजली व्यवस्था भी दुरुस्त ll
रोजगार
होने की वजह से बहुत कम लोग ही कम समय में पैसा कमाने की लालच में अपराध का रस्ते
पर जायेंगे जिससे अपराध का ग्राफ नीचे आएगा ll
रोजगार की व्यवस्था होने से बच्चे कम उम्र में
नौकरी करने के बजाय अपनी अच्छी पढाई , लिखाई , और खेलों में रूचि दिखायेंगे l जिससे
अच्छे खिलाडी , अच्छे और शसक्त युवा ,समाज के हित में काम करने वाले नेता भी
बनेगें ll
अगर आप लोगों को लगता है की
उपरोक्त बातें आप की समझ में आ गयी है तो आयें हमारे साथ कदम बढ़ाएं और अलग
पूर्वांचल के सपने को साकार करें ll
अपना पूर्वांचल , विकसित
पूर्वांचल
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